उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) ने खुलासा किया कि ग्रेजुएट होने के बाद लॉस एंजेलिस में काम करने के दौरान उनकी शादी हो ही गई थी. उन्होंने अपनी जिंदगी, माता-पिता के तलाक, दादी के साथ बिताए दिन, उनकी अच्छी सीख, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई, प्यार और यहां तक कि ये रिश्ता क्यों खत्म हो गया जैसे कई मुद्दों पर फेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' से बात की.
रतन टाटा ने शेयर की जवानी की फोटो,
तीन सीरीज की इस पहली बातचीत में 82 साल के रतन टाटा ने बताया कि उनका बचपन काफी खुशहाल था, लेकिन माता-पिता के तलाक की वजह से उन्होंने और उनके भाई को थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना जरूर करना पड़ा. आपको बता दें कि रतन टाटा के पिता नवल और मां सोनी टाटा का तलाक उस वक्त हो गया था जब वह महज 10 साल के थे. फेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' ने रतन टाटा से बातचीत का ये अंश बुधवार रात को शेयर किया था, जो देखते ही देखते वायरल हो गया.
बातचीत के दौरान रतन टाटा ने अपनी दादी को भी याद किया और बताया कि किस तरह उन्होंने उनके मन में मूल्यों के बीज बोए. उन्होंने कहा, "मुझे आज भी याद है कि किस तरह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वह मुझे और मेरे भाई को गर्मियों की छुट्टियों के लिए लंदन लेकर चली गईं थीं. वास्तव में वहीं उन्होंने हमारे अंदर मूल्य डाले. वह हमें बताती थीं कि "ऐसा मत कहो" या "इस बारे में शांत रहो" और इस तरह हमारे दिमाग में ये बात डाल दी गई कि प्रतिष्ठा सबसे ऊपर है."
उन्होंने अपने और पिता के विचारों में मतभेद के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं वॉयलन सीखना चाहता था और मेरे पिता पियानो सीखने के लिए कहते थे. मैं पढ़ाई के लिए अमेरिका के कॉलेज में जाना चाहता था, जबकि पिता चाहते थे कि मैं लंदन जाऊं. मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था और वो कहते थे इंजीनियर बनो."
हालांकि बाद में रतन टाटा पढ़ने के लिए अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी गए और इसका पूरा श्रेय उनकी दादी को जाता है. आर्किटेक्ट से ग्रेजुएशन करने पर उनके पिता नाराज हो गए. फिर रतन टाटा लॉस एंजेलिस में नौकरी करने लगे जहां उन्होंने दो सालों तक काम किया.
उन दिनों को याद करते हुए रतन टाटा कहते हैं, "वह काफी अच्छा समय था- मौसम बहुत खूबसूरत था, मेरे पास अपनी गाड़ी थी और मुझे अपनी नौकरी से प्यार था."
लॉस एंजेलिस में रतन टाटा को प्यार हुआ और वो उस लड़की से शादी करने ही वाले थे. हालांकि उन्होंने वापस भारत जाने का फैसला किया क्योंकि उनकी दादी की तबीयत ठीक नहीं थी. रतन टाटा को ये लगा था कि जिस महिला को वो प्यार करते हैं वह भी उनके साथ भारत चली जाएगी.
रतन टाटा के मुताबिक, "लेकिन 1962 की भारत-चीन लड़ाई के चलते उनके माता-पिता उस लड़की के भारत आने के पक्ष में नहीं थे और इस तरह उनका रिश्ता टूट गया."
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